बीमा की परिभाषा (DEFINATION OF INSURANCE)?
DEFINATION OF INSURANCE : बीमा एक प्रकार की सुरक्षा होती है जहां पर आपको होने वाले नुकसान का भरपाई मिलता है। नुकसान का भरपाई मिलने के लिए आपको इस सुविधा प्राप्त करनी होती है। ए सुविधा प्राप्त करने के लिए आपको एक निश्चित रकम आपको बीमा कंपनी को देनी होती है। इस रकम को आप साल में एक बार भी दे सकते हैं और हर महीने में थोड़ा-थोड़ा एक निश्चित रक्कम भी दे सकते हैं। यहां पर आप लोग एक रिस्क सेलर (RISK SELLER) होते हैं और कंपनी यहां पर रिस्क बायर (RISK BUYER)होती है। रिस्क सेलर (RISK SELLER) मतलब यहां पर आपको जो नुकसान हो सकता है नहीं तो जो नुकसान हुआ है वह नुकसान कंपनी को देना पड़ता है इसका मतलब यही है कि अपने आपको होने वाला नुकसान कंपनी को भेज दिया। इसके ख़िलाफ़ कंपनी ने आपको जो नुकसान हुआ है वह कंपनी ने खरीद लिया इसी वजह से कंपनी को रिस्क बायर (RISK BUYER)बार बोलते हैं।
बीमा किस्त (INSURANCE PREMIUM) क्या होता है और किसका मापन (CALCULATION) कैसे होता है।
बीमा किस में सबसे ज्यादा फर्क लाने वाला मुद्दा है आपकी आयु। आपकी आयु जितनी कम होगी उतनी आपकी बीमा की किस्त कब होगी। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ जाती है इस प्रकार आपका जो किस्त होता है वह भी बढ़ जाता है। इसीलिए आपको कौन सा भी बीमा लेना है कम उम्र होते ही लेना है। आयु के अलावा बीमा किस्त एक एक और बात पर निश्चित किया जाता है जैसे कि आप आप बीमा आपके लिए ले रहे हैं या अपनी फैमिली के लिए ले रहे है। आपके परिवार में जितने ज्यादा मेंबर होंगे उतना ज्यादा आपकी किस्त होगी।
क्या बीमा (INSURANCE ) सिर्फ व्यक्ति के लिए होता है?
इसका जवाब है नहीं। क्योंकि बीमा आप ऋृण (LOAN) के लिए भी ले सकते हैं ।आपने जो घर लिया है उसके लिए भी ले सकते हैं। आपने जो व्यवसाय (BUSINESS) चालू किया है, को वाहन खरीदी किया है उसके लिए भी ले सकते हैं आप, अगर आपके पास कोई पालतू जानवर है उसके लिए भी ले सकते हैं। इस प्रकार की बीमा की किस्त हर कंपनी का अलग-अलग होता है।
क्या बीमा (INSURANCE) लेने के बाद हमारे साथ कुछ धोखाधड़ी हो सकती है ?
वैसे देखा जाए तो हमारे साथ धोखाधड़ी होने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि आप एक बीमा के लिए नियामक व्यवस्था होती है। इसका कामकाज देखने के लिए एक सरकारी संस्था होती है जो बीमा के सारे नियम और कानून आधारित करती है उसी के अनुसार हर इंश्योरेंस कंपनी को कम करना होता है अगर कोई कंपनी इसका उल्लंघन करें तो कंपनी को जुर्माना भरना पड़ता है। फिर भी बीमा खरीदते समय आपको पूरी जानकारी पढ़नी चाहिए बिना किसी दस्तावेज को देखकर बिना आपको बीमा नहीं लेना है यह बात आप ध्यान में रखें। इंश्योरेंस का नियामक व्यवस्था देखने के लिए आई.आर.डी.ए.आई.(IRDAI – Insurance Regulatory and Development Authority of India)एक संस्था नियुक्त की हुई है।
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जानिए कितने प्रकार के बीमा (INSURANCE ) होते हैं?
मुख्यतः दो ही प्रकार की बीमा होते हैं। एक जीवन बीमा और दूसरा सामान्य बीमा।
निम्नलिखित बीमा के प्रकार जीवन बीमा में आते हैं।
- टर्म जीवन बीमा (Term Life insurance)
- संपूर्ण जीवन बीमा (Whole life insurance)
- बंदोबस्ती योजनाएँ (Endowment plans)
- यूनिट लिंक बीमा योजना (Unit link insurance plan)
- संतान योजना (Child plans)
- सेवानिवृत्ति योजनाएँ (Retirement plans)
निम्नलिखित बीमा के प्रकार सामान्य बीमा में आते हैं।
- स्वास्थ्य बीमा (Health insurance)
- गृह बीमा (Home insurance)
- यात्रा बीमा (Travel insurance)
- संपत्ति बीमा (Properties insurance)
- दायित्व बीमा (Liability insurance)
- साइबर धोखाधड़ी बीमा (Cyber fraud insurance)
बीमा पॉलिसी कहां से खरीद सकते हैं?
बीमा पॉलिसी खरीदने का सबसे आसान तरीका है कि आप बीमा कंपनी के वेबसाइट पर जाकर खरीद सकते हैं। आपको जिस भी प्रकार की जानकारी चाहिए वह कंपनी के वेबसाइट पर आपको मिल जाएगी। कंपनी के बीमा एजेंट भी होते हैं उनके द्वारा भी आप इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं। वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर कॉल करके भी आप इंश्योरेंस एजेंट के साथ जुड़ सकते हैं। आप किसी भी प्रकार के बैंक में जाकर बीमा खरीद सकते हैं। आज के समय पर देखा जाए तो सभी बैंक का बीमा कंपनी के साथ करार होता है। आप बैंक अधिकारी से मिलकर इसको खरीद सकते हैं। वेबसाइट पर दिमाग खरीदना आसान है मगर कभी-कभी हमें कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है अगर आप यही बीमा किसी बैंक में जाकर अथवा बीमा एजेंट से लेते हैं तो आपको कोई भी तकलीफ या दिक्कत बीमा क्लेम करते हुए आई तो आप सीधा उनके साथ संपर्क साध सकते हैं।
स्वास्थ्य बीमा क्या होता है (HEALTH INSURANCE)?
एक सामान्य नागरिक को कम आने के लिए स्वास्थ्य बीमा सबसे जरूरी बीमा है। क्योंकि इस प्रकार के बीमा में आप अस्पताल में जो भी खर्च होता है उसका खर्चा आपको वापस मिलता है। अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं तो पलक चिपकती ही आपका अस्पताल का बिल लाखों के अंकों को पार कर जाता है। इसीलिए एक उषा व्यक्ति ध्यान में रखते हुए और अपनी फैमिली के बारे में सोते हुए स्वास्थ्य बीमा खरीदी करता है। आप सिर्फ सालाना 10000 से 15000 रुपए भरकर पास से 10 लाख तक का बीमा कर ले सकते हैं। और अपने आप को भारी नुकसान होने से बचा सकते हैं।
कौन-कौन से खर्चे स्वास्थ बीमा में सम्मिलित होते हैं।
स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं, तो आपको अस्पताल में भर्ती होने का, डॉक्टर के रेगुलर विजिट का, दावों का, डॉक्टर से किए जाने वाले सर्जरी का और अस्पताल में से भर्ती होने के बाद अगर आप घर पर रहते हुए भी कुछ इलाज कर रहे हैं तो उसका भी खर्चा आपको वापस मिलता है। बहुत सारी बीमा कंपनी आपको कैशलेस सुविधा (CASHLESS FACILITY) उपलब्ध कर देती है। इस प्रकार के सुविधा में आपको कुछ भी खर्चा नहीं करना पड़ता है आपको सिर्फ अस्पताल में जाकर डॉक्टर को मिलकर भर्ती होना पड़ता है।
पारिवारिक बीमा (FAMILY HEALTH INSURANCE) क्या होता है?
पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा यह एक सामान्य बीमा है, यहां पर आपको एक सिंगल प्लान में ज्यादा से ज्यादा फैमिली मेंबर के लिए प्लान खरीदी कर सकते हैं। इसका फायदा यह है कि अलग-अलग बीमा खरीदे करोगे तो आपकी बीमा की किस्त ज्यादा होगी। पारिवारिक बीमा आपको एक प्रकार की अच्छी सी वित्तीय सिक्योरिटी देता है यदि किसी के परिवार में कमाने वाली व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके पश्चात अस्पताल में होने वाले खर्च का बीमा उसके परिवार को मिलता है।
स्वास्थ्य बीमा कौन खरीद सकता है?
भारत में रहने वाला हर कहीं व्यक्ति अपने लिए और उसके परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीद सकता है। परंतु कुछ कंपनियों के प्लान में आयु का सीमा निश्चित की होती है उसे आयु के समाप्त होने के पश्चात आप स्वस्थ बीमा खरीदी नहीं कर सकते। इसी के अलावा अगर आपको कुछ बीमारी से पहले से ही है तो आपको एक हेल्थ चेकअप के लिए जाना होता है उसे चेकअप के आधार पर आपको स्वास्थ्य बीमा मिलेगा या नहीं मिलेगा वह निश्चित किया जाता है। कुछ बीमारियां अगर आपको पहले से ही है तो और इस समय आप स्वस्थ बीमा खरीदी करते हैं तो आपको एक निश्चित किए हुए समय के लिए रुकना पड़ता है उसे समय के पश्चात ही आप बीमा पॉलिसी क्लेम कर सकते हैं।
क्या हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स बचत (Health Insurance Tax Benefit) होता है?
यदि कोई व्यक्ति अपने खुद के लिए, अपने पत्नी के लिए, अपने बच्चे के लिए, अपने माता-पिता के लिए, और यदि कोई हिंदू अंडेवाइडेड़ फैमिली हो तो (HIndu Undivided Family) उनके लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 डी के अंतर्गत आप क्यों टैक्स बचत हो सकती है।