HOW TO INVEST IN SIP
HOW TO INVEST IN SIP
SIP (SYSTEMATIC INVESTMENT PLAN) क्या होता है.
SIP इन्वेस्टमेंट का अच्छा रास्ता है जो आपको म्युचुअल फंड के द्वारा उपस्थित किया हुआ है। सीप का मतलब आपको सीधे भाषा में समझना है तो आपको बैंक का RD (Recurring Deposit) यानी की आवर्ती जमा को समझना होगा इसके अंदर आपको हर एक महीने मैं आपके खाते से एक निश्चित रकम को जमा करना होता है यह जमा किया हुआ पैसा म्युचुअल फंड में जमा होता है। यानी कि यह पैसा भारतीय शेयर बाजार में जाता है उसके अनुसार आपके यहां पर अच्छा खासा मुनाफा मिलता है। जैसे-जैसे शेयर बाजार मैं म्यूचुअल फंड की कीमत कम ज्यादा होती है इस तरह आपने जमा किया वापसी की कीमत कम ज्यादा होती रहती है। यहां पर आप काम से कम रुपए ₹500 में शुरू कर सकते हैं। यहां पर आपको आपके बैंक खाते में एक प्रकार का मैंडेट (Mandate) देना होता है उसको हम वन टाइम मैंडेट (One Time Mandate)बोलते हैं। एक बार पैसा म्युचुअल फंड में जमा होने के बाद आपको ब्याज पर ब्याज मिल जाता है देखते-देखते आपका जो पैसा हजारों में आपने जमा किया है उसकी कीमत लाखों में हो जाती है। इसी कारण SIP सबसे बड़ा निवेश करने का माध्यम बन चुका है क्योंकि इसमें आपको आपके हिसाब से जितना पैसा डालना है उतना भी डाल सकते हैं इसमें कोई ऐसी लिमिट नहीं है। अगर लिमिट भी होगी तो बहुत कम होती है जैसे कि आप इसको ₹500 में भी शुरू कर सकते हैं।
SIP कितने प्रकार होते हैं।
- सामान्य SIP: इसमें आपको हर एक महीने में एक निश्चित प्रकार की रखकर आपको आपके खाते में से म्युचुअल फंड में जमा करनी होती है।
- फ्लेक्सिबल SIP (Flexible SIP): इस प्रकार के SIP मैं निवेशक को एक प्रकार की सुविधा उपलब्ध होती है जहां पर आप आपके निश्चित की हुई SIP के रक्कम में बदल कर सकते हैं। आप आपकी सुविधा के अनुसार इस प्रकार SIP को रुकवा सकते हैं और फिर से चालू भी कर सकते हैं। अगर आपको रुकवाना नहीं है तो आप का जो निश्चित अमाउंट है उसमें आप बदल करके उसको काम ज्यादा भी कर सकते हैं।
- परंपेचुअल SIP (Perpetual SIP): जैसे सामान्य SIP निवेदक को एक समाप्त तारीख दी होती है। तारीख के खत्म होते ही आपका SIP मैं जाने वाला पैसा बंद होता है। इससे अलग PERPETUAL SIP किसी भी प्रकार की समाप्ति की तारीख नहीं दी होती। जब तक आप इसको बंद नहीं करवाते तब तक आपसे खाते से पैसा म्युचुअल फंड में जमा होता है।
- ट्रिगर्ड SIP (Trigger SIP): इस प्रकार की एसआईपी भारतीय शेयर बाजार के जो इंडेक्स होते हैं उसे पर आधारित होता है। यह आपको आपको पहले से ही निर्धारित करना होता है कि आपको पैसा म्युचुअल फंड में तभी जाएगा जब आपने उसको उसे प्रकार का आदेश दिया है। जैसे कि आप चाहते हैं कि जब शेयर बाजार में उतार आए और इस पक्ष आपका SIP का पैसा उसमें जमा हो जाए। इसका फायदा यह होता है कि आपको म्युचुअल सस्ते में मिल जाता है।
- स्टेप अप SIP (STEP UP SIP):- इस प्रकार के SIP आपको हर साल कुछ प्रतिशत शिप की प्रकृति बदल करने के लिए होती है। इसका फायदा है ऐसा है कि जैसे-जैसे आपका आय (Income) उसके अनुसार आप निश्चित किए हुए रकम में बदलाव कर सकते हैं।
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SIP कैसे शुरू करते हैं ?
SIP शुरू करने के लिए आपको एक प्रकार का डीमैट (DMAT) खाते की जरूरत होती है। ए डिमैट अकाउंट आपके बैंक खाते को संलग्न किया होता है। आपके बैंक खाते से पैसा डिमैट अकाउंट के द्वारा SIP में जाता है। आप यह खाता किसी भी प्रकार के बैंक में जाकर चालू कर सकते हैं। आपको यह खाता ऑनलाइन भी ओपन कर सकते हैं उसके लिए बहुत सारे ब्रोकर बाजार में उपलब्ध है। ऑनलाइन पेमेंट खाता चालू करना इस सबसे आसान तरीका SIP मैं पैसा डालने के लिए।
क्या SIP मैं जमा किया हुआ पैसा कभी भी निकाल सकते है ?
सामान्य दूर से देखा जाए तो SIP डाला हुआ पैसा आप कभी भी निकाल सकते हैं। क्योंकि यह पैसा म्युचुअल फंड में जमा होता है। परंतु म्युचुअल फंड में कुछ ऐसे भी फंड है जिसमें लॉकिंग पीरियड (Lock In Period)होता है वह लॉकिंग पीरियड खत्म होने के बाद ही आप पैसा निकाल हैं। इसलिए निवेश करते समय आपको ब्लॉकिंग पीरियड है या नहीं है और चेक करना आपकी जिम्मेदारी है और इस बात का आपको ज्ञान होना जरूरी है।
SIP कैलकुलेटर (SIP calculator)
अगर आप सिप कैलकुलेटर को एक बार उपयोग करना सीख गए तो को एक प्रकार क्या ज्ञान प्राप्त होता है जिसमें कि भविष्य में आपको अगर एक प्रकार का निश्चित रकम चाहिए तो अभी आपको कितने रुपए की SIP करनी होगी। इसको जानने के बाद आपको बाजार में होने वाले बदल को नजर में रखते हुए आप सिप का रकम निश्चित कर सकते हैं।
SIP के पक्के फायदे ?
- नियमित निवेश : इसकी सहायता से आपको नियमित निवेश करने की आदत बन जाती है। क्योंकि यहां पर हर महीने आप आपके खाते से एक फिक्स रकम म्युचुअल फंड में जमा करते हैं
- रुपए लगात औसत (Rupee Cost Averaging)– इसको आसान भाषा में समझे तो जब-जब शेयर बाजार गिरा हुआ होता है तब आपको म्युचुअल फंड के यूनिट सस्ते में मिलते हैं। जब जब शेयर बाजार बड़ा हुआ रहता है तब म्युचुअल फंड के यूनिट आपको महंगे मिलते हैं। म्युचुअल फंड आपको इसका औसत return देता है।
- लिक्विडिटी (Liquidity)-सीप के माध्यम से जमा किया हुआ पैसा आपके कभी भी निकाल सकते हैं।
- चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest)-SIP के द्वारा आप जब निवेश करते हैं इसमें आपको जो ब्याज मिलता है उसे प्याज को आप फिर से म्युचुअल फंड में निवास कर पाते हैं इसके कारण आपको ब्याज पर ब्याज मिलता रहता है। यही म्युचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है। देखते देखते आपका पैसा हजारों से लाखों में हो जाता है।
- लचीलापन (Flexibility)-SIP के रक्कम को आप कभी भी कि आपके अनुसार काम ज्यादा कर सकते हैं। आपके पास कभी पैसों की कमी हो तो आप उसको रुकवा सकते हैं और बाद में फिर से चालू भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
SIP एक निवेश करने का सबसे आसान तरीका है आपको इसको बहुत कम पैसे से चालू कर सकते हैं निवेश करने के लिए आपको शेयर बाजार का ज्ञान थोड़ा भी होता है तो आप यहां पर निवेश कर सकते हैं। SIP द्वारा आपको हर महीने पैसा बचत करने की एक अच्छी खासी आदत हो जाती है। यही आदत आपको भविष्य में करोड़ों रुपए का समाप्ति (WEALTH) करके दे सकती है।