Hydroponic Farming
हाइड्रोपोनिक एक कृषि व्यवसाय का भाग है। यह एक कृषि जगत में अच्छा और प्रसिद्ध अविष्कार है। जिसका इस्तेमाल करके हम बिना खेती के या बिना जमीन के सब्जियां और फल उगा सकते हैं। आज के समय में इस व्यवसाय की मांग बढ़ रही है। आने वाले कुछ सालों में यह एक अच्छा खासा मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन सकता है।
हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponic Farming) होता क्या है ?
हाइड्रोपोनिक शब्द उगम हाइड्रो यानी जल इससे हुआ है। खनिज और खाद को मिलाकर पानी में पौधों को उगाना वह भी बिना किसी जमीन के या मिट्टी के इसको हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कहा जाता है। वर्तमान में आबादी बढ़ रही है मगर जो जमीन है वह उतनी ही है जो पहले थी इसी कारण हाइड्रोपोनिक इस समय एक बहुत बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है। हाइड्रोपोनिक का इस्तेमाल करके हम मनचाही फसल पैदा कर सकते हैं यह बहुत अच्छी उपयोगी तकनीक है। हाइड्रोपोनिक का इस्तेमाल करके हम हर एक पौधे को एक जैसे मात्रा में न्यूट्रिएंट, मिनरल और खाद दे सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक (Hydroponic Farming) शुरू करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होती है ?
यहां पर हम मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करते। इसी कारण हमें मिट्टी का काम करने वाले पदार्थ का उपयोग करना होता है, जो पौधों को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करताहै। इसमें रेत, कंकड़, कोकोपीट, परलाइट, पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। इन सबका मिश्रण बनाना होता है। फिर इस मिश्रण को गमले, नल की पाईप, नली जो एक टंकी का काम करेगी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा आपको एक पीएच मीटर की भी जरूरत होती है। इस खेती के लिए पानी का तकरीबन फ 5.5 से 6.5 तक का होना चाहिए। TDS मीटर, लिक्विड न्यूट्रिएंट, कवरंग नेट।
हाइड्रोपोनिक (Hydroponic Farming) के प्रकार ।
- विक प्रणाली (WICK SYSTEM): इस प्रणालिका इस्तेमाल करके हम पोषक तत्व को जल के माध्यम से पंप करके पौधों के कोशिका में पहुंचाया जाता है।
- इब और फ्लो (Ebb and Flow): इस प्रणाली को फ्लड एंड ड्रेन सिस्टम भी कहा जाता है। इस प्रणाली के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व ऑटोमेटिक (Automatic) दिए जाते हैं। यहां पर एक ट्रे (Tray)में न्यूट्रिएंट का लिक्विड बनाया जाता है वह ऑटोमेटेकली पौधों को दिया जाता है।
- पानी का माध्यम (Water Culture): इस प्रणालिका उपयोग करके पौधे को पानी और पोषक तत्वों से भरी हुई कंटेनर के ऊपर रखा जाता है। पौधों की अच्छी खासी विकास होने के लिए पौधे के मूल को पोषक तत्वों से भरे हुए लिक्विड में रखा जाता है।
- ड्रिप सिस्टम (Drip System): इस प्रणाली का इस्तेमाल करके पौधों के मूली को एक पंप द्वारा पोषक तत्व पहुंचाया जाता है।
हाइड्रोपोनिक्स के फायदे।
- ज्यादा विकास (Higher Growth): हाइड्रोपोनिक का इस्तेमाल करके हम बहुत कम जगह पर और बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा आय कमा सकते हैं।
- पौधे को एक निश्चित मात्रा में पोषक तत्व दे सकते हैं।
- इसका इस्तेमाल करके जो पौधे बढ़ाए जाते हैं उनमें खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल बहुत काम किया होता है। इसी के कारण यहां से जो सब्जियां फल उगते हैं वह खाने के लिए बहुत अच्छे होते है।
- इस प्रणाली में उपयोग करके हम पानी का उपयोग अच्छे से कर सकते हैं। मतलब जितना पानी पौधों को चाहिए उतना ही पानी हम पौधों को देते हैं इसी कारण पानी की बचत कम होती है और हमारा खर्च अभी काम हो जाता है।
- कम लागत : इस प्रणालिका इस्तेमाल करने के लिए हमें बहुत कम लागत होती है। जो सबसे ज्यादा खर्चा है वह जमीन खरीदने का होता है इसके लिए हमें किसी भी प्रकार की जमीन की जरूरत नहीं होती है। यहां पर पानी, खाद, कीटनाशक इत्यादि चीजों की मात्रा बहुत कम होती है। इसी कारण खर्चा कम होता है।
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हाइड्रोपोनिक के नुकसान क्या है ?
- इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए आपको तकनीकी जानकारी होनी आवश्यक है।
- पहुंचे उखाणे के लिए आपको यहां पर बहुत बारीकिसे ध्यान देना पड़ता है।
- जो पोषक तत्व पानी में घुल सकते हैं उनका ही उपयोग यहां पर कर सकते हैं।
- इस प्रणाली में पानी ज्यादा समय तक रहता है, उस कारण पानी से होने वाले रोगों का भी ज्यादा खतरा होता है।
हाइड्रोपोनिक सिस्टम में लगने वाले घटक क्या है?
- जलाशय ( Water Reservoir): इसका उपयोग पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक जो पोषक तत्व होते हैं उनका मिश्रण इस जलाशय में किया जाता है।
- पनडुब्बी पंप (Submersible Pump): पौधों के जड़ तक पोषक तत्व पहुंचने के लिए इस प्रकार के पंप का उपयोग किया जाता है।
- वितरण ट्यूब (Delivery Tube): इस ट्यूब का उपयोग पौधों को जरूरी पोषक तत्व या या जीवन वायु पहुंचने के लिए किया जाता है।
- लाइट्स (lights): पौधों का विकास होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है। तीन लाइट्स का उपयोग करके हम पौधों को प्रकाश देते हैं।
- ट्रे (Tray): ट्रे का उपयोग पौधे उगाने के लिए किया जाता है। रेखा उपयोग करके हम पौधों के जड़ को जलाशय में डूबा कर रख देते हैं। यह पौधों को ज्यादा प्रकाश या तापमान, रोग और कीटक से बचाता है।
- वितरण ट्यूब (Delivery Tube): इस ट्यूब का इस्तेमाल पौधों को पोषक तत्व या जीवन वायु देने के लिए किया जाता है।
एरोपोनिक्स (Aeroponics) क्या है।
एयरोपोनिक्स हाइड्रोपोनिक का ही एक प्रकार है। जहां पर पौधों को हवा पर रखा जाता है। जिसमें पौधे के जड़ों को पोषक तत्वों से भरे हुए पानी का छिड़काव करके उगाया जाता है।
क्या हम घर पर हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर सकते हैं ?
हा,अब घर पर हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर सकते हैं। जहां पर आप छोटे स्तर पर इसका उपयोग करके घर की छत या बालकनी में फल और सब्जी उगा सकते है। यह उन लोगों के लिए अच्छा शौक बन जाता है जो लोग घर पर सब्जी या फल उगना चाहते हैं। आज के समय में इसकी मांग भी बहुत ज्यादा पड़ रही है।
निष्कर्ष (Conclusion): आज के समय में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग एक प्रसिद्ध खेती करने का माध्यम बन चुका है। यह एक लंबे समय तक अच्छी खासी फसल उगाने का माध्यम बन जाएगा। यहां पर लगने वाले संसाधन बहुत कम है जिसके कारण शहरी भागों में इसका उपयोग ज्यादा हो रहा है।