Fish Rearing-मछली पालन: मात्र 1 एकड़ में 5 लाख मुनाफा, लागत का खर्चा 1 साल में रिटर्न।

Fish Rearing

मछली पालन ( Fish Rearing) क्या होता है?

मछली पालन जिसको मत्स्य पालन भी कहा जाता है, यह एक घरेलू और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए मछलियों के प्रजनन, पालन और परिवहन की प्रक्रिया है। मछलियां स्वस्थ और और खाने में स्वाद के लिए जानी जाती है। भारत में खाने के लिए मछलियों का प्रजनन बहुत बड़ी स्तर पर किया जाता है। मछली में खनिजों और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती। इसी कारण समय-समय पर मछली की मांग बाजार में ज्यादा बढ़ रही है। अगर आप इस व्यवसाय को अच्छे प्रकार से जानकर और नियोजन करने के बाद शुरू करते हैं तो भविष्य में आपको बहुत बड़ा लाभ दे सकता है।

मछली पालन कृषि का एक महत्वपूर्ण और लाभकारी भाग है, इसी कारण बड़े जलाशय, तालाबों में या किसी कंट्रोल कंटेनर (Controlled Condition) मैं मछलियों का पालन पोषण किया जाता है।

मछली पालन (Fish Rearing) के प्रकार

मछली पालन के प्रकार को दो हिस्सों में विभाजित किया है। मछली पालन करने के लिए किस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे पर आधारित एक हिस्सा है और दूसरा हिस्सा किस प्रकार के पानी में मछली का पालन किया जा रहा है।

1)प्रणाली के आधार पर (Based On System Used):

  1. मोनोकल्चर (Monoculture): भारत में बड़े स्तर इस कल्चर का उपयोग किया जाता है जिसमें मछली के एक ही प्रजाति का प्रजनन और पालन किया जाता है। एक ही मछली का कल्चर का उपयोग करने की वजह से आपको उच्च उत्पादन और गुणवत्ता प्राप्त होती है।
  2. पॉलिकल्चर (Polyculture): इस कल्चर मैं मछलियों के प्रजातियों का प्रजनन और पालन एक साथ किया जाता है। एक ही तालाब में प्रजनन और पालन होने के कारण इसको मिश्रित मत्स्य पालन भी कहा जाता है।
  3. मोनोसेक्स कलर (Monosex Culture): इस कल्चर में मछली के एक ही प्रजाति की का पालन किया जाता है, जिसमें सिर्फ नर या माता मछली का ही पाला जाता है।

2) पानी के आधार पर (Based on Type Of Water):

  1. मीठे पानी की मछलियां (Fresh Water Fish: मीठे पानी की मछलियों का पालन तालाब या बड़े बांध में किया जाता है।
  2. खारे पानी की मछलियां (Brackish Water Fish): खारे पानी की मछलियों का पालन आमतौर पर समुद्र या उसके नजदीक क्षेत्र में किया जाता है।

मछली पालन (Fish Rearing) करने के लिए आवश्यक चीज क्या है ?

अगर आप मछलियों का पालन नियंत्रित पद्धति में करना चाहते हैं तो आपको नीचे दी हुई चीजों की आवश्यकता होगी।

  1. जमीन : मछली पालन के लिए तालाब या टैंक बनाने के लिए आधा या एक एकड़ की कम से कम जमीन लगती है।
  2. पानी की सुविधा : मछली के लिए एक साफ और ऑक्सीजन युक्त पानी की आवश्यकता होती है।
  3. मछली की अच्छी नस्ल : यह बहुत जरूरी मुद्दा है मछली पालन में, आपको हमेशा अच्छे गुना तक की मछलियों का पालन करना चाहिए। मछली के बच्चे को हम फिंगर्लिंग्स (Fingerlings) बोलते हैं
  4. चारा: मछली की अच्छी से विकास होने के लिए एक अच्छे प्रोटीन युक्त चारे की जरूरत होती है।
  5. लाइसेंस: अगर आप बड़े स्तर पर मछली का पालन करना चाहते हैं तो आपको भारत सरकार या किसी राज्य सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।

मछली का व्यवसाय (Fish Rearing) शुरू करने के लिए कितनी लागत लागत आती है ?

प्रारंभ में होने वाला खर्चा जानने के लिए नीचे दिए टेबल को जरूरत पड़े।

अनुक्रमणिका खर्चा
तालाब या टैंक निर्माण150000 -200000
मछली के बच्चे5000-20000
चारा10000-20000
दवाई10000-20000
टोटल (Total)200000-300000

भारत में मछली व्यवसाय करने के लिए अच्छे नस्ल कौन सी है।

  • रोहू (Rohu)
  • कटला (Catla)
  • मृगल (Mrigal)
  • तिलपिया (Tilapia)
  • झींगा (Shrimp)

मछली पालन के लिए सब्सिडी (Subsidy) की सुविधा

भारत सरकार ने मछली पालन के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की है। इस योजना का हेतु मछली का उत्पादन  और मछली का निर्यात बढ़ाना है। इसी के साथ भारत में रोजगार की उपलब्धता करनी यह भी एक उद्देश्य है। इस योजना के तहत आपको सब्सिडी की भी सुविधा उपलब्ध होती है। इस योजना के तहत सामान्य वर्ग को पूरे खर्च का 40% सब्सिडी मिलती है और  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए 60% सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध है।

मत्स्य पालन और जली कृषि अवसंरचना विकास निधि (Fish Infrastructure Development Fund) क्या है?

मत्स्य पालन और जल कृषि अवसंरचना निधि की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 2018 में शुरू हुई थी। जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन और जल या कृषि से संबंधित आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस निधि के अंतर्गत भारत सरकार ने 2022 तक 20 मिलियन टन मछली का उत्पादन प्राप्त करना लक्ष्य रखा था।

इस निधि से किन प्रकार के संरचना (Infrastructure)  विकास होगा ?

  • मछलियां हेचरी (Fish Hatchery)
  • मछली आहट मिल (Fish Feed Mill)
  • बर्फ संयंत्र और कोल्ड स्टोरेज (Ice Plants and cold storage)
  • मत्स्य अवतरण केंद (Fish Landing Centres)
  • मछली पकड़ने के बंदरगाह (Fishing Harbours)
  • ठंडा वाहनों की व्यवस्था (Refrigerator Vehicles)
  • रिटेल मछली बाजार (Retail Fish Market)

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ऋण की सुविधा (Loan Facility)

मछली व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने बहुत सारी सुविधा और योजनाएं लाई हैं। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप नाबार्ड (NABARD) लोन ले सकते है। यह लोन आपको 12 वर्ष अवधि के लिए मिलता है। जिसमें आपको ब्याज में 3 % सब्सिडी मिलता है। यदि आपकी बैंक का ब्याज 9% है तो आपको इस पर 3% छूट मिलने के बाद आपको सिर्फ 6% ब्याज भरना है।

नाबार्ड सब्सिडी के लिए और पढ़ें

मछली व्यवसाय से कितना मुनाफा हो सकता है?

अगर आप अच्छी जानकारी और प्लानिंग के साथ इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं तो, आप सलाना एक एकड़ में रुपए 5 से 8 लाख तक का मुनाफा कमा सकते। यह मुनाफा कमाने के लिए आपको अच्छी नस्ल का उपयोग करना होगा। बाजार में जिन नस्ल की मांग ज्यादा है और जिनका विकास कम समय में ज्यादा होता है ऐसे ही नस्ल का चुनाव करना जरूरी है।

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