डिमैट खाता (DMAT Account) का परिचय
डिमैट (DMAT) खाता जिसको हम डी मटेरियल लाइंस अकाउंट (Dematerialised Account) बोलते हैं। डीमैट खाते का इस्तेमाल शेयर, म्युचुअल फंड आदी इलेक्ट्रॉनिक रूप में निवेश करने के लिए होता है। भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको डीमैट खाते की जरूरत होती है। डिमैट अकाउंट SEBI (Security Exchange Board of India) के नियम और कानून के हिसाब से खोला जाता है।
डिमैट खाते (DMAT ACCOUNT) की जरूरत क्यूं है ?
- शेयर बाजार में निवेश करने के लिए इस खाते की जरूरत होती है।
- आपको सुरक्षित और आसानी से व्यवहार करने के लिए इस खाते की जरूरत होती है।
- इसके सहायता से हम भारतीय शेयर बाजार में पेपरलेस निवेश कर सकते है।
- इस खाते से हम जो व्यवहार करते हैं उसका तेज और ऑटोमेटिक सेटलमेंट होता है।
- इस खाते की मदद से आप खुद व्यवहार करते हैं इसी कारण आपके साथ धोखाधड़ी होने की संभावना बहुत कम होती है।
- यह खाता आपको सोने में निवेश करने का भी विकल्प देता है।
- भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए इस खाते की आवश्यकता होती है।
डीमैट खाते (DMAT ACCOUNT) के प्रकार
डीमैट खाते को सामान्य तौर से तीन खाते में विभाजित किया है।
- रेगुलर डिमैट अकाउंट (Regular DMAT Account): इस खाते का उपयोग भारत में रहने वाले नागरिक के लिए होता है।
- रिपोर्टेबल डिमैट अकाउंट (Reportable Demat Account): NRI निवेशक, जो भारत के बाहर रहते हैं और भारत में निवेश करना चाहते हैं। जो विदेश में राशि हस्तांतरित करने की सुविधा चाहिए उनके लिए खाता ओपन होता है।
- नॉन रिपोर्टेबल डिमैट अकाउंट (Non Reportable Demat Account):
जरूरी बातें जो डीमैट (DMAT) खाता खोलते समय ध्यान में रखें।
- ब्रोकरेज चार्ज (Brokerage Charge): आपको ऐसा डीमैट खाते का चयन करना होगा जो कम से कम ब्रोकर चार्जेज लेता होगा।
- वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC-Annual Maintenance Charge) चार्ज : कुछ ऐसे डीमैट अकाउंट होते है जिनपर AMC चार्ज नहीं होता। इसी कारण आपको ऐसा खाता चुनना होगा जिस पर किसी भी प्रकार की वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं लेते।
- ट्रेडिंग प्लेटफार्म (Trading Platform): आपको ऐसा डिमैट खाता चुनना होगा जिसकी सुविधा आप वेबसाइट या मोबाइल ऐप की मदद से भी ले सकते हैं।
- अनुसंधान और विश्लेषण (Research And Analysis): खाता खोलते समय आपको ऐसा डिमैट खाता चुनना होगा, जिसका पिछले कुछ सालों में अनुसंधान और विश्लेषण बहुत अच्छा होगा। जो आपको निवेश करते समय अच्छी जानकारी देता है, समय-समय पर निवेश के क्षेत्र में बदल होता है उसकी जानकारी हमे अनुसंधान और विश्लेषण की माध्यम से पता चलती है।
- ग्राहक सहायता (Customer Support): आपको खाता खोलते समय उस बात पर जरूर ध्यान देना चहिए, क्यों यह ऐप जो प्रणाली का उपयोग आप एक रहे है, वह सब ऑनलाइन सुविधा है। इसी कारण आपको ऐसा डीमैट खाता चुनना होगा जिनकी ग्राहक सहायता प्रणाली अच्छी है।
- खाता खोलने की प्रक्रिया (Account Opening Process): जिनकी खाता खोलने की प्रणाली का माध्यम बहुत आसान हो। जो आपको कम समय में खाते पूरी प्रक्रिया पूरी करके, खाते की सुविधा उपलब्ध करे।
- बैंक एकीकरण सुविधा (Bank Intergration Facility): बैंक की एकीकरण सुविधा जो सबसे जरूरी सुविधा है, जो डीमैट खाता आपको आपका बैंक खाता एकीकरण करने की सुविधा देते हैं उनके पास ही आप डीमैट का खाता खोलें।
डीमैट (DMAT) खाता खोलने की प्रक्रिया
- अच्छा डीमैट प्लेटफार्म चुने
- केवाईसी दस्तावेजी जैसे पैनी कार्ड, आधार कार्ड और बैंक खाता की जानकारी ऑनलाइन माध्यम से दे।
- इसके बाद ऑनलाइन फॉर्म भरे।
- आपकी व्यक्तिगत की जानकारी देने के बाद, आपको वीडियो केवाईसी करना होता है।
- वीडियो केवाईसी करते समय आपको आपका फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड ऑनलाइन जमा करने होते हैं।
- इसके बाद आपको एक यूजर ID और पासवर्ड मिलता है, जिसकी सहायता से आप डीमैट प्लेटफार्म पर लॉगिन कर सकते हैं।
डीमैट का उपयोग कहां पर निवेश करने के लिए होता है ?
- ईक्विटी शेयर (Equity Share)
- डिबेंचर और बॉन्ड (Debanture And Bond)
- म्युचुअल फंड (Mutual Fund)
- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund)
- सरकारी सिक्युरिटीज (Goverment Securities)I
- आयपिओ (IPO-Initial Public Offering)
डिमैट अकाउंट के फायदे
- पेपरलेस निवेश
- सुरक्षित शेयर होल्डिंग
- तेज राशि का हस्तांतर
- कम लागत
- मोबाइल से निवेश करने की सुविधा
डीमैट (DMAT) कहते का इतिहास
भारत में डीमैट अकाउंट की शुरुआत वर्ष 1996 में हुई थी। इसकी शुरुआत एनएसडीएल (NSDL) ने की थी। उस समय आप डीमैट की सुविधा मात्रा फिजिकल (Physical Form) या ऑफलाइन के माध्यम से ले सकते थे। तब आपको किसी भी प्रकार के शेयर सर्टिफिकेट खरीदने के लिए 15 से 30 दिन लगते थे। आज की समय में आपको यह सुविधा मात्र दो दिन में (T+1 Day) मिलती है।
भारत की टॉप 10 डीमैट ब्रोकर कौन से हैं ?
- ग्रो (Grow)
- ज़ीरोदा (Zeroda)
- एंजल वन (Angel One)
- अपस्टॉक्स (Upstocks)
- आइसीआइसीआइ डायरेक्ट (ICICI Direct)
- एच डी एफ सी सिक्योरिटी (HDFC Securities)
- कोटक सिक्योरिटी (KOTAK Securities)
- मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal)
- इन्वेस्ट राइट (Invest Right)
- रुपएजी (Ruppezy)
निष्कर्ष
अगर आप शुरुआती निवेशक है तो, आपके लिए ग्रो, एंजल वन, अपस्टॉक्स अच्छे माध्यम है। जो आपको एक अच्छा प्लेटफार्म प्रदान करता है। जो आपको बैंक एकीकरण की भी सुविधा देता है।डीमैट (DMAT) आपका निवेश करने के लिए काफी समय बचता है। आप बिन बैंक जाए इसको के