Agro Tourism – कृषि पर्यटन : खेती से जुड़ा एक अच्छा व्यवसाय, आय का नया स्रोत।

परिचय

Agro Tourism: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 60% से ज्यादा आबादी ग्रामीण भाग में रहती है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्वरूप में खेती पर निर्भर है। बढ़ते महंगाई के साथ खेती पर निर्भर रहना किसान के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में खेती को सिर्फ उत्पादन के लिए सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उससे जुड़े कई नई बिज़नेस अवसर सामने आ रहे हैं। उसमें से ही एक अवसर है जिसको हम एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) कहते हैं।

एग्रो टूरिज्म का अर्थ, ग्रामीण और कृषि आधारित जीवन शैली का अनुभव पर्यटकों को देना। इसमें शहर से आने वाले लोग गांव में जाकर खेती, पशुपालन,ग्रामीण संस्कृति, पारंपरिक भोजन, हस्तकला, लोक कला, प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेते हैं। यह सारी चीजों से शहर में  रहने वाले लोग अनजान होते हैं, इसी कारण आज के समय में एग्रो टूरिज्म एक अच्छा व्यवसाय बन चुका है।

एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) क्या है?

एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) एक ऐसा पर्यटन का मॉडल है, जिसमें पर्यटक गांव या कृषा क्षेत्र में रहकर ग्रामीण जीवन और खेती-बाड़ी से संबंधित गतिविधि का अनुभव लेते हैं।

नीचे दिए गए खेती जुड़े गतिविधियां जिसका अनुभव पर्यटक ले सकते हैं।

  • धान,गेहूं, गाना जैसी फसलों की बुवाई और कटाई में भाग लेना।
  • बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी, ऊंट गाड़ी या ट्रैक्टर की सवारी करना।
  • ग्रामीण घरों में रहना।
  • देसी भोजन का स्वाद लेना।
  • लोकगीत, लोकनृत्य और मेलों का अनुभव करना।
  • पशुपालन, मछली, पालन या मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियां देखने।
  • फार्म हाउस में रहना (Farm Stay)
  • गाय या भैंस का दूध निकालना।
  • फलों की बाग में जाकर अपने हाथों से फल को तोड़कर खाना।
  • बकरी और भेड़ को खाने के लिए चार देना।
  • कबूतरों को दाना डालना।

एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) का महत्व

  • किसानों के लिए अतिरिक्त आय: खेती के साथ-साथ किसान एग्रो टूरिज्म से भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धि: ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को गांव छोड़कर शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, एग्रो टूरिज्म उनको गांव में रोजगार उपलब्ध करा दे सकता है।
  • शहर में रहने वाले लोगों को ग्रामीण संस्कृति से जोड़ना: शहर में रहने वाले लोग जिनका गांव की असली संस्कृति का परिचय नहीं होता। एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) उनको अपनी भारत के ग्रामीण की संस्कृति का अनुभव देता है।
  • कृषि की पदोन्नति (Agri Promotion): खेती से जुड़े और प्राकृतिक जीवन शैली का महत्व आपको एग्रो टूरिज्म के माध्यम से मिलता है।
  • पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरण को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचने वाला व्यवसाय, यानी इको फ्रेंडली (Eco Friendly) पर्यटन को कम बढ़ावा दे सकते हैं।

एग्रो (Agro Tourism) टूरिज्म में बिजनेस आइडिया

  • फार्म हाउस स्टे (Farm Stay): गांव में बनी देसी झोपड़ी या आधुनिक फार्म हाउस में पर्यटकों को ठहरना।
  • कृषि फार्म का दौरा (Agro Farm Stay): लोगों को जैविक खेती दिखाना और वही का भोजन परोसना।
  • डेयरी और मुर्गी पालन टूर (Dairy and Poultry Tour Dairy): दूध निकालना, दूध से जुड़े उत्पाद बनाना, मुर्गी पालन दिखाना।
  • ग्रामीण खेल और गतिविधियां: ग्रामीण खेल जैसे कबड्डी, कुश्ती, तीरंदाजी, बैलगाड़ी दौड़, गिल्ली डंडा दिखाना।
  • खाद्य पर्यटन (Food Tourism): ज्वारी की रोटी, बाजरे की रोटी, मक्के की रोटी, सरसों की साग, जलेबी, छाछ जैसे देसी व्यंजन खाने को देना।
  • हस्तशिल्प और लोक कला: गांव की कला और हस्त निर्मित वस्तुओं की बिक्री करना।
  • उत्सव पर्यटन (Festival Tourism): देसी उत्सव जैसे होली, लोहड़ी, बैसाखी, गौरी पूजन, नवरात्रि या गणेश उत्सव जैसे त्योहारो का अनुभव करना।

एग्रो टूरिज्म के लिए सरकार की सहायता

भारत सरकार और राज्य सरकार एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। भारत में कई राज्य है, उन्होंने उनके राज्य में एग्रो टूरिज्म की शुरुआत करने के लिए सब्सिडी या गांव को पर्यटन से जोड़ने के लिए कई उपक्रम शुरू किया है।

  • ग्रामीण पर्यटन योजना (Rural Tourism Scheme)
  • महाराष्ट्र एग्रो टूरिज्म (Maharashtra agro tourism)
  • केरल सरकार स्पाइस और फॉर्म टूरिज्म
  • पंजाब सरकार फॉर्म टूरिज्म स्कीम
  • उत्तराखंड सरकार – ग्रामीण पर्यटन नीति
  • हिमाचल प्रदेश – होम स्टे और फॉर्म स्टे योजना

निवेश और मुनाफा

  • प्रारंभिक निवेश (Initial Investment): 5 से 10 लख रुपए में एक छोटे पैमाने पर एग्रो टूरिज्म फॉर्म शुरू किया जा सकता है। अगर आप बड़े स्तर पर रिसोर्ट के साथ-साथ एग्रो टूरिज्म की सुविधा देना चाहते तो आपको शुरू में 30 से 50 लाख तक का निवेश करना होगा।
  • कमाई: छोटे पैमाने पर शुरू किया हुआ एग्रो टूरिज्म एक परिवार को प्रतिदिन 3000 से 5000 तक कमा कर दे सकता है। अगर हर महीने में 100 से 150 पर्यटक आते हैं तो सालाना आपकी कमाई लाखों में संभव है।

एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) के लिए चुनौतियां क्या है ?

  • प्रारंभिक निवेश: एग्रो टूरिज्म शुरू करने के लिए आपको कम से कम  5 लाख का खर्चा आ सकता है।
  • बुनियादी सुविधाओं की कमी: आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और इंटरनेट की समस्या आ सकती है।
  • जागरूकता की कमी: अभी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो एग्रो टूरिज्म के बारे में नहीं जानते। इसलिए आपको शुरू में पर्यटक जोड़ने के लिए समस्या आ सकती है।
  • कुशल प्रबंधन का अभाव (Unskill Management): किसान को हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट जैसी चीजों की ज्यादा जानकारी नहीं होती और उनको इसकी ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होती।
  • मार्केटिंग और प्रमोशन की चुनौती: ज्यादातर लोग एग्रो टूरिज्म के बारे में नहीं जानते इसी कारण आपको मार्केटिंग या प्रमोशन की चुनौती सामने आती है। किसानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचार करने के लिए दिक्कत आ सकती है।

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भारत में एग्रो टूरिज्म (Agro Tourism) का भविष्य

भारत जैसा विशाल कृषि प्रधान देश में एग्रो टूरिज्म का भविष्य बेहद उज्जवल हो सकता है। आज के समय में लोगों को इको फ्रेंडली (Eco-friendly) टूरिज्म और प्रकृति से जुड़े टूरिज्म पसंद है। डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के जरिए एग्रो टूरिज्म को आसानी से प्रमोट किया जा सकता है। अगर आप इसको बहुत बड़े स्तर पर अच्छे तरीके कैसे प्रबंधन करते हैं, तो आप विदेश से भी पर्यटक आकर्षित कर सकते हैं और आने वाले कुछ सालों में यह व्यवसाय करोड़ का उद्योग बन सकता है।

निष्कर्ष

एग्रो टूरिज्म सिर्फ किसानों की आय का स्रोत नहीं है, बल्कि यह शहर और गांव के बीच में संस्कृति और परंपराओं का सेतु बन सकता है। इससे भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। रोजगार बढ़ेगा और पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी।

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