Mission Sudarshan Chakra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की। यह एक बहुत स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम है जो, भारत को बाहरी खतरे से सुरक्षित रखने के लिए बनाया जा रहा है।
मिशन सुदर्शन चक्र क्या है?
मिशन सुदर्शन चक्र एक बहुत स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम है। इसका उद्देश्य दुश्मन की हवाई हमले का, मिसाइल अटैक और ड्रोन के खतरों से भारत की रक्षा करना। यह प्रणाली तीन स्तर पर काम करेगी, लंबी दूरी, मध्य दूरी और छोटी दूरी।
मिशन का उद्देश्य
- भारत की हर एक नागरिक को सुरक्षा का भरोसा देना।
- भारत को आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक में अग्रणी बनाना।
- शत्रु से ना सिर्फ रक्षा करना, बाल की जरूरत पड़ने पर जवाबी करवाई करना।
- दुश्मन की मिसाइल और हवाई ताकत को निष्क्रिय करना।
- भारत को वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करना।
मुख्य विशेषताएं
1) तीन परतों वाला सुरक्षा कवच
- बहारी परत: 150-400 किलोमीटर रेंज वाले इंटरस्पेक्टर मिसाइल।
- मध्य परत: S-400 सिस्टम
- आंतरिक परत: आकाश प्राइम जैसी मिसाइल।
2) यार और साइबर सुरक्षा के साथ नेटवर्क आधारित निगरानी।
और और साइबर सुरक्षा आधारित नेटवर्क को बनाना। राडार और सेंसर सिस्टम को 24*7 निगरानी में रखना।
3) रणनीतिक स्थानों- अस्पताल रेलवे स्टेशन धार्मिक स्थल की सुरक्षा।
बड़े शहर, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, धार्मिक स्थल और अन्य स्थान को विशेष प्रकार की सुरक्षा कवच देना।
समयरेखा
- 2025-2027: रिसर्च और शुरुआती परीक्षण
- 2028-2030: नए मिसाईल सिस्टम का ट्राइल।
- 2035: पूरे देश भर में कवरेज।
मिशन के फायदे
- नागरिकों की सुरक्षा: किसी भी बड़ी हमले से बचाव।
- आपको निर्भर भारत: रक्षा तकनीक में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा।
- रोजगार सृजन: रक्षा क्षेत्र में हजारों नौकरियां उपलब्ध होगी।
- वैश्विक पहचान: भारत को विश्व स्तर पर एक मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करना।
- रणनीतिक बढ़त: पड़ोसी देशों पर तकनीकी बढ़त।
आर्थिक प्रभाव
- इस मिशन पर लाखों करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
- ईश्वर से रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया को बढ़वा मिलेगा।
- निजी रक्षा कंपनियों और स्टार्टअप्स को बड़ा अवसर मिलेगा।
- इस मिशन से रक्षा अनुसंधान, इंजीनियरिंग, AI और साइबर सुरक्षा जैसी क्षेत्र में नए रोजगार उपलब्ध होगी।
- भारत के टेक्निकल संस्थाओं के छात्र रीसर्च प्रोजेक्ट में शामिल हो सकेंगे।
मिशन सुदर्शन चक्र की जरूरत
भारत एक विशाल देश है, जिसकी सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसी देश से जुड़ी है। हाल ही के वर्षों में ड्रोन हमले, मिसाइल टेस्ट और साइबर अटैक जैसी घटनाओं ने साबित किया है कि देश को एक मजबूत और डिफेंस सिस्टम की जरूरत है। इस मिशन के आने से भारत अपने दुश्मनों को स्पष्ट संदेश देता है कि अब वह किसी भी प्रकार के हमले के लिए पूरी तैयार है।
निष्कर्ष
मिशन सुदर्शन चक्र सिर्फ एक रक्षा प्रणाली नहीं बल्कि भारत की शक्ति और आत्मनिर्भरता का एक प्रतीक है। आने वाले समय में या भारत का अपना Iron Dome बनकर हर नागरिक को सुरक्षा कवच देगा।